Wednesday, September 16, 2009

खामोशी


खामोश हैं

साँसें ,

धड़कनें खामोश हैं ,

हौले -हौले

भाव -विचार -संवेदना भी

खामोश हो रहे हैं ,

राह के बीच मैं

बना , रिश्ता

जो ,

किले की दीवार सा

दृढ़ हो चला था ,

अब ,

रेत के ढेर सा ,

बिखर रहा है ,

दूर -दूर तक

खामोशी ही

आवाज लगाती है ,

खामोशी ही

साथ रह गई है ।

रेनू ...

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