खामोश हैं
साँसें ,
धड़कनें खामोश हैं ,
हौले -हौले
भाव -विचार -संवेदना भी
खामोश हो रहे हैं ,
राह के बीच मैं
बना , रिश्ता
जो ,
किले की दीवार सा
दृढ़ हो चला था ,
अब ,
रेत के ढेर सा ,
बिखर रहा है ,
दूर -दूर तक
खामोशी ही
आवाज लगाती है ,
खामोशी ही
साथ रह गई है ।
रेनू ...
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