मैं , जब दादी के आँचल में
खुद को छिपा लेता था ,
तब , आप धीरे से
मुस्करा देते थे ,
जब , बड़ी दादी
दूध का गिलास मेरे ,
हाथों में , थमाती थी ,
तब ,आप !! उनके चरणों में
नतमस्तक हो जाते थे ,
जब , बाबा साब !! मुझे
अपनी जेब से निकालकर
नोट थमाते थे ,
तब ,आप !! कनखियों से
मना करते थे ,
जब ,माँ !! प्यार से
सिरपर हाथ दुलारती थी ,
तब , आप !! कहते थे
मत बिगाड़ो इसे ,
अब ,जब , मेरी पत्नी
जिद पूरी करती है ,
तब , आप !! कहते हो
तुम्हीं सम्भालो इसे ,
जब , मेरी बेटी , अपनी
हर रज़ा पूरी कराती है ,
तब ,आप !! कहते हो
बिलकुल बाप पर गई है ,
अब , जब मैं , कुछ लम्हे के लिए
अस्वस्थ हो गया ,
तब , आपकी कोरों से आंसू
लावा बनकर बिखरते हैं ,
पापा !!
मुझे पता है आप !! मेरे साथ ही
जी रहे हो , मेरे साथ ही
दर्द से कराह रहे हो ,
आप !! सर्व श्रेष्ठ पिता हो ,
मैं , चाहता हूँ , हजारों बार
आप ही मेरे पिता बने ,
फादर्स डे पर ,
नमन करता हूँ।
रेनू शर्मा १६/ ६/२०१२
खुद को छिपा लेता था ,
तब , आप धीरे से
मुस्करा देते थे ,
जब , बड़ी दादी
दूध का गिलास मेरे ,
हाथों में , थमाती थी ,
तब ,आप !! उनके चरणों में
नतमस्तक हो जाते थे ,
जब , बाबा साब !! मुझे
अपनी जेब से निकालकर
नोट थमाते थे ,
तब ,आप !! कनखियों से
मना करते थे ,
जब ,माँ !! प्यार से
सिरपर हाथ दुलारती थी ,
तब , आप !! कहते थे
मत बिगाड़ो इसे ,
अब ,जब , मेरी पत्नी
जिद पूरी करती है ,
तब , आप !! कहते हो
तुम्हीं सम्भालो इसे ,
जब , मेरी बेटी , अपनी
हर रज़ा पूरी कराती है ,
तब ,आप !! कहते हो
बिलकुल बाप पर गई है ,
अब , जब मैं , कुछ लम्हे के लिए
अस्वस्थ हो गया ,
तब , आपकी कोरों से आंसू
लावा बनकर बिखरते हैं ,
पापा !!
मुझे पता है आप !! मेरे साथ ही
जी रहे हो , मेरे साथ ही
दर्द से कराह रहे हो ,
आप !! सर्व श्रेष्ठ पिता हो ,
मैं , चाहता हूँ , हजारों बार
आप ही मेरे पिता बने ,
फादर्स डे पर ,
नमन करता हूँ।
रेनू शर्मा १६/ ६/२०१२
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