Friday, March 6, 2009

बलिदान

Monday, 19 January 2009

बलिदान

मेरी आंखों में रहे या तेरी आंखों में रहे
हो कहीं भी स्वप्न लेकिन स्वप्न होना चाहिए ।
मेरी धड़कन में नहीं तो तेरी धड़कन में सही
हो कहीं भी याद लेकिन याद होनी चाहिए ।
मेरे दिल में भी रहे और तेरे दिल में भी रहे
हो किसी का दर्द लेकिन दर्द होना चाहिए ।
गर न हो जादा तो थोड़ा -थोड़ा ही सही
हो किसी से प्यार लेकिन प्यार होना चाहिए ।
हो तेरे दिल का जिक्र या वो मेरे दिल की बात हो
प्यार है तो प्यार का इजहार होना चाहिए ।
कर अमर तू चाह अपनी और अपनी चाह मैं
प्यार मैं और जंग मैं बलिदान होना चाहिए ।
विमल ......

No comments:

Post a Comment